नई दिल्ली. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आज देश में फैसला लेने वाली सरकार है, जिसका लक्ष्य सबका विकास करना है. जेटली ने कहा कि देश में पहले दिशाहीन सरकार थी. हमारी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में है.
उन्होंने कहा, देश तोड़ने की बात संविधान के खिलाफ है और हम राष्ट्रवाद से समझौता नहीं करेंगे. जेटली ने यह भी कहा कि पांच राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए रणनीति तय हो गई है. भारत माता की जय पर वाद-विवाद पर अरुण जेटली ने कहा- हमें लगता है कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर बहस की गुंजाइश ही नहीं है. भारत का संविधान असहमति के लिए पूर्ण स्वतंत्रता की अनुमति देता है लेकिन राष्ट्र को तहत नहस करने की अनुमति नहीं देता.
कल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आम लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेना होगा. उन्होंने कहा था कि पार्टी के नेता कार्यकर्ताओं और सरकार के बीच पुल का काम करें. वहीं पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि देश की आलोचना को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शाह ने इस दौरान जेएनयू के मुद्दे पर राहुल गांधी को घेरा. उनका यह भी कहना था कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर देश की आलोचना सहन नहीं की जा सकती है.
बीजेपी के पदाधिकारियों को 30 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि ‘पार्टी और सरकार के काम के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करें. कार्यकर्ताओं के सुझावों को सरकार तक पहुंचाने का ज़िम्मेदारी पार्टी नेताओं की है. पीएम ने कहा कि बजट पर पदाधिकारियों से 42 सुझाव मिले, जिनमें 38 शामिल किए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी कहा कि ‘वो सोशल मीडिया के ज़रिए सरकार की बात लोगों तक पहुंचाएं.