35 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में दिल के दौरे का प्रकोप दुनिया भर में भारत में सबसे अधिक

युवा अब दिल से युवा नहीं रह गए हैं: विशेषज्ञ

35 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में दिल के दौरे का प्रकोप दुनिया भर में भारत में सबसे अधिक

दहाड़ न्यूज़,  पानीपत:  विश्व हृदय दिवस 2016 के मौके पर ‘‘कोरोनरी धमनी रोग तथा जीवनशैली प्रबंधन’’ के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देष्य से मैक्स सुपर स्पेशलिटी हास्पीटल,शालीमार बाग के चिकित्सकों की एक टीम ने आज पानीपत में आयोजित संवाददाता सम्मेलनको संबोधित किया। इस मौके पर मैक्स सुपर स्पेलिटी हास्पीटल, शालीमार बाग, नयी दिल्लीमें कार्डियोलॉजी विभाग के सहायक निदेषक डॉ. नवीन भामरी और कंसल्टेंट हृदय रोगविषेशज्ञ डॉ. देवेन्द्र कुमार अग्रवाल मौजूद थे।

मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. नवीन भामरी ने कहा, ‘‘ विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार 35 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में दिल के दौरे पडऩे केमामले में भारत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे आगे है और वर्ष 2020 तक भारत मेंहृदय वाहिका रोग मौत और विकलांगता के सबसे प्रमुख कारण होंगे।’’ दिल की बीमारियों सेग्रस्त लोगों की औसत उम्र घट रही है और इन दिनों हमारे पास दिल का दौरा पड़ चुके 20 सालके युवक भी आ रहे हैं। एक दशक पहले 40 साल से कम उम्र के कोरोनरी धमनी रोगों से ग्रस्तलोगों का प्रतिशत 10 होता था जो बढक़र आज 30 प्रतिशत हो गया है। विश्व हृदय दिवस 2016का मुख्य विशय ‘मधुमेह को हराना’ है।।’’

इस अवसर पर डॉ. देवेन्द्र अग्रवाल ने कहा, ‘‘दिल के दौरे से ग्रस्त 50 प्रतिशत से अधिक लोगों की मौत केवल इस कारण से हो जाती है कि वे सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते।प्राथमिक एंजियोप्लास्टी दिल के दौरे के लिए अब भी सर्वश्रेश्ठ मानक उपचार है। आज यहां घोशणा किये गये राष्ट्रीय हस्तक्षेप परिषद (एनआईसी) के आंकड़ों के अनुसार वर्श 2015 मेंइससे  पिछले वर्श की तुलना में देश में 42 प्रतिशत अधिक एंजियोप्लास्टी की गई। डॉ देवेंद्र नेकहा कि हरियाणा में धूम्रपान हमेशा से ही दिल के दौरे वाले लगभग सभी युवा रोगियों में एकआम कारक था। इसके अलावा धूम्रपान, निश्क्रिय जीवन शैली, मोटापा, तनाव, उच्च रक्तचाप,कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर, मधुमेह, बढ़ती उम्र, परिवारिक इतिहास ऐसे कुछ अन्य कारक हैं जोदिल की बीमारियों की संभावना में वृद्धि कर रहे हैं।

इस अवसर पर डॉ. नवीन भामरी ने कहा, ‘‘भारत में दिल की बीमारियों ने सबसे बड़े हत्यारे केरूप में संक्रामक रोगों की जगह ले ली है। हाल के आंकड़ों के मुताबिक, शहरी आबादी कालगभग 30 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आबादी का 15 प्रतिशत उच्च रक्तचापऔर दिल के दौरे से पीडि़त हैं। जैसे-जैसे दिल की बीमारियों के जोखिम कारक बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे मृत्यु दर में वृद्धि हो रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘टाइप 2 मधुमेह से पीडि़त मरीजों को सामान्यआबादी की तुलना में दिल की समस्या होने का खतरा 2-3 गुणा अधिक होता है। भारत मेंकरीब 5 करोड़ 8 लाख लोग मधुमेह से पीडि़त हैं। अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह फेडरेशन के अनुसार यहदुनिया के सभी भागों में दर्ज की गई अब तक सबसे अधिक संख्या है। वर्तमान परिदृश्य मेंनिवारक स्वास्थ्य पर बल दिये जाने की जरूरत है। इसमें रोग और इसके जोखिम कारकों केबारे में जागरूकता बढ़ाना शामिल है। लोगों में व्यापक स्तर पर जागरूकता पैदा करने के लिए सार्वजनिक शिक्षा कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और काउंसलिंग सत्रों का आयोजन करने कीतत्काल जरूरत है। ‘‘वल्र्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, कम से कम 80 प्रतिशत समयपूर्व मौत(कार्डियोवैस्कुलर रोगों के कारण) सेे अस्वास्थ्यकर आहार, तंबाकू के इस्तेमाल, शारीरिक श्रमका अभाव और शराब के सेवन जैसे चार प्रमुख जोखिम कारकों को नियंत्रित कर बचा जासकता है।’’

इस अवसर पर मैक्स हॉस्पीटल, शालीमार बाग के उपाध्यक्ष (ऑपरेशंस) डॉ. अमनदीप कोहली ने कहा कि हर साल  24 लाख भारतीयों की मौत हृदय रोगों के कारण होती है। आज जरूरत इसबात की है कि बीमारी, सही इलाज तथा हृदय रोग की समस्याओं से निबटने के निवारणकारीउपायों के बारे में लोगों को जागरूक बनाया जाये। डॉ. कोहली ने कहा कि मैक्स सुपर स्पेशलिटीहॉस्पीटल, शालीमार बाग हरियाणा सरकार, ईसीएचएस, सीजीएचएस और सभी प्रमुखकंपनियों के पैनल पर है और मैक्स हॉस्पीटल, शालीमार बाग में एक छत के नीचे ही हृदयसंबंधित समस्याओं के लिए सभी तरह की गैर इंवैसिव एवं शल्य चिकित्सा उपलब्ध है।’’

दिल की बीमारी के खतरे को कम करने के लिए 10 प्रमुख तरीके:

* धूम्रपान न करें

* अपने जोखिम कारकों – उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल का पता लगाएं क्योंकि येसाइलेंट किलर हैं।

*वजन को संतुलित रखें

* नियमित रूप से व्यायाम करें

*कम संतृप्त वसा और अधिक फाइबर का सेवन करें

* अपने लिपिड की जाँच कराएं और ट्रांस वसा के सेवन से बचें

* षराब के सेवन से बचें / कम मात्रा में शराब का सेवन करें

* वार्षिक प्रीवेंटिव हेल्थ पैकेज के तहत अपनी जांच कराएं

* योग, ध्यान से अपने तनाव को नियंत्रित रखें

* अपने होमोसिस्टिन स्तर का पता लगाएं

दिल के इन 11 लक्षणों की कभी भी अनदेखी नहीं करें:

*              सीने में तकलीफ – आपके सीने में दर्द, जकडऩ, या दबाव

*            मतली, अपच, सीने में जलन, पेट दर्द

*             दर्द जो हाथ तक फैलता हो

*            चक्कर आना या रक्तचाप में अचानक गिरावट

*            आपकी छाती के बीच में दर्द या दबाव जो आपके गले या जबड़े तक फैलता हो

*              तेज चलने या सीढिय़ां चढऩे पर सांस का फूलना

*              ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण अत्यधिक खर्राटे

*            किसी स्पश्ट कारण के बगैर पसीना आना

*              दिल की धडक़न का अनियमित होना

*              सफेद और गुलाबी बलगम के साथ लंबे समय से खांसी – अर्ली हार्ट फेल्योर के संकेत

*             पैर, पांव और एडिय़ों में सूजन

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