अजनबी फिल्म देखकर बनाया था स्वयं की हत्या का प्लान

कैथल इंडिया की दहाड़ ब्यूरो ,27 ktl-1 पुलिस ने गांव कक्योर माजरा में जली हुई गाड़ी में मिले शव की मर्डर मिस्ट्री को सुलझाते हुए हत्यारे को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के लिए यह एक बड़ी कामयाबी है। कक्योर माजरा गांव के जंगल में एक अज्ञात व्यक्ति का शव जली हुई कार में पाया गया था। गांव दुब्बल निवासी अरोपी बलजीत सिंह ने हत्या की साजिश रचने एवं हत्या की बात कबूल कर ली है। 24 नवम्बर को गांव कक्योर माजरा के जंगलों में एक गाड़ी को जलते होने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। गाड़ी सहित शव पूरी तरह से जल चुका था। पुलिस का ध्यान गाड़ी के पास पड़ी हुई नंबर प्लेट ने खिंचा। यहीं से पुलिस को पहला सबूत मिला। मृतक युवक आरोपी के खेत में नौकर था और आरोपी ने युवक संदीप उर्फ मिड्डी को बताया कि दिल्ली की एक पार्टी ने नोट बदलने के लिए हमें कक्योर माजरा के जंगलों में बुलाया है और हम धोखे से उनकी सारी करंसी ऐंठ लेंगे। बलजीत ने गाडी में बगल की सीट पर बैठे हुए संदीप के सिर में अचानक से गोली मार दी। आरोपी ने संदीप के सिर में दो गोली मारी। गोली मारने के पश्चात आरोपी के कपड़ों पर खून के छींटे लग गए, उसके बाद आरोपी ने शर्ट उतार कर कार में ही जला दी। बलजीत उसके बाद राजस्थान भाग गया और साधु बनकर वहां रहने लगा। राजस्थान में वह कुछ दिन चुरू व अजमेर में रहा। आरोपी ने बॉलीवुड की फिल्म अजनबी देखकर कर प्लान बनाया। जिस प्रकार फिल्म में विलेन के द्वारा बीमा पॉलिसी को हड़पने के लिए हत्या का प्लान बनाया गया था, उसी प्रकार बलजीत ने भी अपनी ही बीमा पॉलिसी के करोड़ों रुपयों को डकारने के लिए हत्या करने का प्लान बनाया। इसी प्रकार बलजीत भी आखिरकार अपनी एक छोटी सी गलती के कारण पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी बलजीत सिंह का प्लान था कि वह अपने स्थान पर अपने नौकर की हत्या कर देगा और बीमा पॉलिसी के पैसों पर बाद में ऐस करेगा। आरोपी ने विभिन्न बैंकों से करीब 3 करोड़ 25 लाख रुपये की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी करवाई हुई थी। उसी पॉलिसी का पैसा हड़पने के लिए हत्या की साजिश रची गई थी। सीआईए टू के इंचार्ज इंस्पेक्टर विमल कुमार ने अपनी टीम के साथ जांच करते हुए इस ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री को हल किया। विमल कुमार ने बताया कि आरोपी ने राजस्थान के होटल में अपनी आइडी के लिए आधार कार्ड का नंबर दिया था। आरोपी की इस गलती फायदा पुलिस को हुआ। आरोपी की निशानदेही पर उसके कब्जे से वारदात में प्रयोग किया गया 32 बोर का देसी कट्टा व तीन जिंदा कारतूस बरामद कर लिए गए। मृतक युवक संदीप के माता पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी और वह अविवाहित था। जिस कारण आरोपी को लगा कि यदि यह गायब भी हो जाए तो इसके बारे में ज्यादा पूछताछ भी नहीं की जाएगी। आरोपी को मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक सुमेर प्रताप सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर विमल कुमार, एएसआई हवा सिंह, जय भगवान, रमेश कुमार, एचसी प्रदीप व कमलजीत सिंह ने केस पर बेहतर ढंग से काम किया और कुछ दिनों में हत्या के रहस्य से पर्दा उठा दिया। आरोपी ने जल्दी पैसा कमाने के लालच में घटना को अंजाम दिया। अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो, लेकिन उससे भी गलतियां होती है और पुलिस अपराधियों को धर दबोचती है।

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