करनाल इंडिया की दहाड़ ब्यूरो राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने गरीबों की समस्याओं का समाधान उनके क्षेत्र में आकर ही करने का निर्णय लिया है। ऐसा करने का मुख्य उद्धेश्य गरीबों की परेशानी को उनके घर द्वार पर आकर निपटाना है। इससे सम्बन्धित अधिकारियों का समय भी बच जाता है। यह बात राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य चौ. ईश्वर सिंह ने स्थानीय पंचायत भवन में एजेंडा अनुसार सम्बन्धित लोगों की सुनवाई और उनका निपटारा करने उपरांत कही। उन्होंने बताया कि 23 मामलों पर सुनवाई हुई, जिनमें अधिक त्तर पुलिस से सम्बन्धित थे। इनमें जमीन, क्रूरता, रेप और धमकाने से सम्बन्धित मामले भी थे। इनमें से 60 प्रतिशत मामलों का प्रशासन के सहयोग से निपटारा हो गया है।
आयोग के सदस्य ईश्वर सिंह ने आगे कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सामाजिक अभियान का समाज पर सार्थक असर हुआ है, अब लडक़े और लड़कियों के बीच लिंगानुपात संतुलित हो रहा है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति के लोगों पर किसी प्रकार के अत्याचार को रोकने के लिए लोगों की सोच बदलने का अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस मद के लिए पैसा आता है वह पैसा उन्हीं मदों पर खर्च होना चाहिए, तभी गरीबों को उत्थान और बेहतर तरीके से हो पाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार के अपराधी को पकडऩे के लिए मंशा सही होनी चाहिए तभी अपराधों पर अंकुश लगेगा। गरीबों के जान-माल की रक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन विशेषकर पुलिस प्रशासन की भी होती है। पुलिस के अधिकारियों को भी चाहिए कि वे सेवा के इस काम को बेहत्तर तरीके से करें। गरीबों का ध्यान रखना भी एक पुण्य का काम है और जिन अधिकारियों को यह डयूटी मिली है उन्हें अपने आपक ो सौभाग्यशाली समझें।
उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में लोग बनावटी बात बहुत कम करते हैं लेकिन दिल्ली के कुछ क्षेत्रों से कमीशन के पास कई तरह की शिकायतें आती हैं जिनमें अधिकत्तर सही नहीं होती, फिर भी कमीशन पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाता है। उन्होंने कहा कि पढ़े-लिखे क्षेत्रों में अपराध का ग्राफ बहुत कम होता है। प्रेस द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अन्य क्षेत्रों की वजाय चण्डीगढ़ में इस तरह का ग्राफ ना के बराबर है चूंकि वहां पर शिक्षा का स्तर बहुत ऊंचा है। अन्य क्षेत्रों में भी शिक्षा के स्तर को अपेक्षाकृत बेहत्तर करने की जरूरत है।
सुनवाई के दौरान शिकायत न० एक में कैदारनाथ निवासी अरड़ाना, 2 में बाबूराम निवासी डबरी, 3 में शेरसिंह निवासी पधाना, 4 में जोगिन्द्र सिंह निवासी कैमला, 7 में रोहताश निवासी सालवन, 8 में सुनित चौपड़ा निवासी शंकरलेन, 11 में रमेश कुमार निवासी कुचपूरा, 9 में जय कुमार निवासी अर्बन स्टेट करनाल, 10 में महासिंह निवासी बाल रांगड़ान, 19 में रामफल निवासी साम्भली, 20 में राजेन्द्र कुमार निवासी कालरम, शिकायत न० 21 में पवन निवासी अर्बन स्टेट करनाल और शिकायत न० 22 में जगदीश निवासी कुंजपुरा इत्यादि मामलों को मौके पर ही निपटा दिया गया जबकि सुनवाई के दौरान शिकायत न० 14 में रामचन्द्र निवासी घोघड़ीपुर द्वारा की गई शिकायत को लेकर प्रशासन के अधिकारियों को जांच करने के लिए कहा। शिकायत न० 12 में राजेन्द्र निवासी औंगद के विषय को लेकर पुलिस प्रशासन को कारवाई करने के लिए कहा और दो सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए। इसी प्रकार शिकायत न. 13 में धनपत सिंह द्वारा जाति सूचक शिकायत के तहत डीएसपी राजकुमार वालिया को मामले की इंक्वारी के निर्देश दिए। शिकायत न. 15 में कर्मवीर निवासी दादूपुर, शिकायत न. 16 में कृष्ण निवासी मदनपुर डेरा, शिकायत न. 18 में अनन्त राम निवासी रिंडल, शिकायत न. 23 में राजकुमार निवासी पालम कॉलोनी से सम्बन्धित शिकायतों को लेकर सम्बन्धित पुलिस अधिकारियों को आवश्यक कारवाई करने को कहा। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त प्रियंका सोनी, आयोग से अधिकारी आरके शर्मा, सीटीएम सुधांशु गौतम सहित प्रशासन के सम्बन्धित अधिकारी भी उपस्थित रहे।