
मौसम में कई दिनों से चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार रात से कई इलाकों में बारिश शुरू हो गई। शहर में बरसात के दौरान ओले भी गिरे। इस कारण कई जगहों पर निचलेे इलाकों में पानी भर गया है। बरसात और ओलावृष्टि के कारण तापमान में काफी गिरावट आई है। बारिश और ओलावृष्टि से जिले में शीतलहर का माहौल पैदा हो गया है। कृषि और मौसम वैज्ञानियों का कहना है कि बरसात फसलों के लिए फायदेमंद है। वहीं यदि ओलावृष्टि अधिक होती है तो फसलों को नुकसान होगा। इस समय ओलावृष्टि से सरसों की फसल व सब्जियां सबसे अधिक प्रभावित होंगी। कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र कुहाड़ ने बताया कि बारिश गेहूं व सरसों की फसल के लिए फायदेमंद है और अन्य फसलों को भी इससे लाभ होगा। बारिश से गेहूं की फसल का फुटाव अच्छा होगा। सर्दियां बढऩे से पैदावार में बढ़ोतरी होगी। गौरतलब है कि बारिश और ओलावृष्टि होने के साथ मौसम विभाग की चार दिन पहले की भविष्यवाणी भी सही साबित हुई। शहर का अधिकतम तापमान 16 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री दर्ज किया गया। चंडीगढ़ मौसम विभाग की बातों पर यकीन करें तो आठ जनवरी तक लगातार बरसात की संभावनाएं बनी हुई हैं। साथ ही नौ जनवरी को भी बादल छाए रहने की उम्मीद है। इस दौरान लोगों को धुंध से निजात रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार तो पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण बूंदाबांदी हो रही है। आम आदमी को बरसात से काफी लाभ हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा माह में दो बार तेल के दामों में बढ़ोत्तरी करने से किसानों में काफी नाराज थी, क्योंकि किसानों द्वारा उगाई जा रही फसलों की लागत में इजाफा हो रहा था। बरसात होने से जिले के किसानों को लाखों रुपए का महंगा डीजल नहीं खरीदना पड़ेगा। इतना ही नहीं उत्पादन में भी काफी बढ़ोत्तरी होगी। अब बरसात होने से किसानों को कुछ राहत की सांस मिलने का आसार हुए हैं।