उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने किसानों के हित में अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई

यमुनानगर,(ब्यूरो ); उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने बताया कि किसानों के हित में अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई है। उन्होंने बताया कि कृषि को आधुनिक तरीके से फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि मशीनीकरण योजनाओं के अन्तर्गत कृषि यंत्रों एवं कस्टम हायरिंग सैंटर पर अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। अनुदान प्राप्त करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा की बैवसाईट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटएग्रीहरियाणाडॉटजीओवीडॉटइन पर अनुदान एवं यंत्रों की विस्तार से जानकारी दी गई है और इच्छुक किसान इस बैवसाईट पर आवेदन कर अनुदान योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। सहायक कृषि अभियंता विनित कुमार जैन ने बताया कि कार्यालय में बोरिंग मशीन उपलब्ध है, जिसमें विभागीय बोरिंग मशीन द्वारा बोरिंग कार्य करने के लिए 10 व 12 ईंच वाले बोर 45 मीटर गहराई तक करने की सुविधा उपलब्ध है और किसान को विभाग के माध्यम से बोरिंग करवाने में बाहरी रेट से लगभग 25 प्रतिशत की बचत होती है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा 30 मीटर तक गहराई के बोर के लिए किसान को केवल 2500 रूपये देने होते हैं व अतिरिक्त गहाई के लिए 70 रूपये प्रति मीटर की दर से चार्ज अदा करना होता है तथा इसके अतिरिक्त किसान को लेबर, डीजल व ट्रांसपोर्टेशन पर होने वाले खर्च को स्वंय वहन करना होता है।
श्री जैन ने बताया कि किसान द्वारा बायो गैस संयंत्र लगवाने पर भी विभाग द्वारा 9000 रूपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि बायो गैस से खाना पकाने में समय की बचत व रसोई घर में धुंए से राहत एवं पर्यावरण को धुंआ रहित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कस्टम हायरिंग पर भी विभिन्न यंत्र लेजर लेवलर, हैप्पी सीडर, डीएसआर व जिरो टिल सीड ड्रिल उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। कृषि यंत्र लेजर लेवलर के प्रयोग से असमतल/ऊंची,नीची भूमि वाले खेत को समतल किया जाता है। खेत समतल होने से लगभग 45 प्रतिशत पानी की बचत व पैदावार भी अधिक होती है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा खेत को समतल करने का कार्य टै्रक्टर हायरिंग योजना के अन्तर्गत विभागीय लेजर लेवलर द्वारा न्यूनतम दर पर किया जाता है जिससे किसान को बाहरी रेट से लगभग 25-30 प्रतिशत की बचत होती है।
सहायक कृषि अभियंता ने कहा कि किसान गेहूं व धान की कटाई के बाद बचे हुए फसल अवशेषों को आग लगा देते हैं जिससे वातावरण दूषित होने के साथ-साथ जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है। उन्होंने बताया कि कृषि यंत्र हैप्पी सीडर द्वारा विशेष रूप से धान की कटाई के बाद तुरन्त गेहूं की बिजाई की जा सकती है जिससे पानी की बचत के अलावा भूमि में खरपतवार भी कम पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि हैप्पी सीडर से फसल अवशेषों को मिटटी में मिलाने से जमीन की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाया जा सकता है और इससे रासायनिक खाद की मात्रा को कम करके खेती में होने वाले खर्च को कम किया जा सकता है। उन्होने बताया कि इसी प्रकार कृषि यंत्र डीएसआर से धान की सीधी बिजाई करके पानी की लगभग 20 से 25 प्रतिशत बचत की जा सकती है तथा इसके अलावा मजदूरी व समय की बचत भी होती है।
विनित कुमार जैन ने बताया कि ये सभी कृषि यंत्र किसानों को सेवा प्रदात्ताओं के माध्यम से 100 रूपये प्रति घंटा की दर से कम से कम 10 घंटे हेतू(1000 रूपये प्रति दिन)किराये पर दिए जा रहे हैं। इन मशीनों को किराये पर लेने हेतू बिजाई के कार्य में लगने वाला ईंधन का खर्च स्वयं किसान को वहन करना होगा। इसके अतिरिक्त अन्य कृषि यंत्र जैसे कि पोटैटो डिगर, पोटैटो प्लांटर, पैडी थ्रैसर, मेज थै्रसर व मल्टी क्रोप प्लांटर भी किसानों को प्रदर्शन प्लांट आयोजित करने हेतू पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जाते हैं। इन कृषि यंत्रों से प्रदर्शन प्लांट लगाने के इच्छु किसान उप कृषि निदेशक अथवा कृषि अभियंता यमुनानगर के कार्यालय में आवेदन देकर प्राप्त कर सकते हैं।

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