शारदा घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच जारी गतिरोध के बीच असम कांग्रेस ने लगाया आरोप

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले क्रमश: हिमंत बिस्व शर्मा और मुकुल राय उन लोगों में शामिल हैं जिनसे सीबीआई ने शारदा घोटाला मामले में पूछताछ की लेकिन उनकी कथित भूमिका को लेकर जांच अब तक किसी निर्णायक नतीजे पर नहीं पहुंची है। शारदा घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच जारी गतिरोध के बीच असम कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सीबीआई शर्मा के खिलाफ धीमी गति से जांच कर रही है जो पाला बदलकर भाजपा में चले गए हैं। सीबीआई ने उन सवालों का जवाब नहीं दिया कि इस मामले में किन तारीखों पर इन दोनों से पछताछ हुई या तलाशी ली गई।

 

असम प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व मंत्री प्रद्युत बारदोलोई ने कहा कि सीबीआई द्वारा शर्मा के खिलाफ अब भी कोई कार्रवाई की जानी बाकी है और भाजपा में शामिल होने के बाद उनके खिलाफ जांच रोक दी गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार रात को आरोप लगाया कि असम के मौजूदा स्वास्थ्य एवं वित्त मंत्री शर्मा चिट फंड घोटाले में शामिल थे। बनर्जी ने कहा, “जब वह (शर्मा) कांग्रेस में थे तब घोटाले में भूमिका के सिलसिले में उनकी जांच की गई लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद इसे (जांच को) रोक दिया गया।”

 

कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे शर्मा से सीबीआई ने शारदा चिट फंड घोटाले के सिलसिले में 26 नवंबर 2014 को पूछताछ की थी। इसी तरह कभी ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी के महासचिव रहे रॉय से भी सीबीआई ने शारदा घोटाले के सिलसिले में पूछताछ की थी। पूर्व रेल मंत्री से शारदा घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने कोलकाता में 30 जनवरी 2015 को पूछताछ की थी। लेकिन प्राथमिकी या आरोप-पत्र में अब तक आरोपी के तौर पर उनका नाम नहीं आया है।

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