डयूटी से नदारद मिले स्वास्थय कर्मी, ईलाज के लिए भटकते नजर आए मरीज
धूल-मिट्टी, गंदगी एवं जालों से अट्टी मिली डिस्पैंसरी की लैब
महिला पार्षद मेघा भंडारी ने आज सैक्टर-6 स्थित सरकारी डिस्पैंसरी में छापा मारा
और इस दौरान डिस्पैंसरी में बड़े पैमाने पर खामियां पाई गई। पार्षद ने देखा कि
डिस्पैंसरी में स्वास्थय सेवाओं का बुरा हॉल था और वहां पर मौजूद मरीज एवं
उनके परिजन स्वास्थय सेवाओं के लिए दर-दर भटक रहे थे। वार्ड-आठ से
पार्षद मेघा भंडारी को काफी समय से सैक्टर-6 की डिस्पैंसरी में स्वास्थय
सेवाओं के चलते शिकायतें मिल रही थी, जिसके चलते आज उन्होंने वहां छापामार
कार्रवाई को अंजाम दिया। महिला पार्षद मेघा भंडारी ने देखा कि डिस्पैंसरी में मिट्टी
एवं गंदगी से बुरा हाल था। सींक में गंदगी एवं बदबू मार रही थी। डिस्पैंसरी में अलमारी
में मकड़ी के जाले लगे हुए थे। लैब टैक्नीशियन भी डयूटी से नदारद पाई गई।
लैब का फ्रिज भी बंद एवं लॉक पाया गया, जिसमें मरीजों के ईलाज में प्रयोग की जाने
वाली सीरींज एवं दवाईयां इत्यादि रखी जाती हैं।
मरीजों को कहना था कि वे यहां पर दवाई लेने तो आते हैं लेकिन यहां उनका टैस्ट नहीं होता।
मेघा भंडारी ने बताया कि भाजपा सरकार द्वारा अस्पतालों एवं डिस्पैंसरियों में पूरी सुविधाएं
मुहैया करवाई जाती हैं, लेकिन डाक्टरों एवं स्टाफ की लापरवाही के चलते मरीजों
को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 80-80 हजारा रुपये की तनख्वाह लेने
वाले डाक्टरों की कोताही एवं लापरवाही के कारण मरीजों का ईलाज सही तरीके से
नहीं हो पाता। डिस्पैंसरी में स्वास्थय अधिकारी न होने के कारण यहां के मरीजों को
ईलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है और यहां पर कार्यरत्त डाक्टर सहीं से मरीजों
को ईलाज नहीं करते। यहां पर मरीजों को ईलाज करने वाले डाक्टर व कर्मचारी भी
ज्यादातर गैर हाजिर मिलते हैं। राम भरोसे चल रही इस डिस्पैंसरी में बच्चों को बिना
टैस्ट किए ही प्राइवेट अस्पतालों में रैफर करने को बोल दिया जाता है, जिससे साफ-साफ
पता चलता है कि डाक्टर अपनी जिम्मेवारी से भाग रहे हैं। डिस्पैंसरी में जिन दवाईयों को फ्रिजर
में होना चाहिए था वह इधर-उधर एवं बाहर पड़ी नजर आई। पार्षद मेघा भंडारी ने कहा कि इन
लापरवाही से सरकार का पैसा खराब किया जा रहा है और यह डिस्पैंसरी नाम की डिस्पैंसरी
बन कर रह गई है। जिस प्रकार से यहां पर बड़ी खामियां पाई गई।