कच्चे कर्मियों को पक्का होने की आस खत्म

हड़ताल ही एकमात्र रास्ता
सरकार हरियाणा कौशल रोजगार निगम को एतिहासिक बताकर इसका बखान कर रही है। वहीं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सरकार द्वारा प्रदेश के सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों व विश्वविद्यालयों में अनुबंध पर भर्ती करने के लिए बनाए गए हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग करने की मांग की है।

सकसं का मानना है कि जो शर्ते लगाई जा रही हैं उनके चलते पहले से वर्षों से कार्यरत ठेकाकर्मियों की वरिष्ठता बरकरार रहना तो दूर उनकी नौकरी पर ही तलवार लटक गई है। सरकार ने निगम के गठन से पूर्व हितधारकों से बातचीत करना भी आश्यक नहीं समझा। संघ ने फैसला लिया कि 23, 24 फरवरी की हड़ताल के अभियान में निगम को भंग करने की मांग को प्रमुखता से उठाया जायेगा।

सकसं ब्लॉक कमेटी अध्यक्ष लोकेश कुमार, सचिव अनिल नागर व ओम प्रकाश शेखावत ने बताया कि निगम के मातहेत आने वाले कर्मियों के रेगुलर होने, समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा की सभी सम्भावनाएं खत्म कर दी गई है। सरकार की मंशा से साफ है कि आगे से न तो तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की रेगुलर भर्ती होगी और न ही कच्चे कर्मियों को पक्का करने की कोई पोलिसी बनाई जायेगी।

उन्होंने बताया कि सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व सालों से कार्यरत अनुबंध कर्मचारियों की कौशल विकास रोजगार निगम बनाने की मांग नहीं थी बल्कि उनकी मांग ठेका प्रथा समाप्त कर ठेकाकर्मियों को सीधे विभागों के मातहेत और रेगुलाईजेशन पोलिसी बनाकर पक्का करने और जब तक समान काम व समान वेतन सेवा सुरक्षा प्रदान करने की थी। राज्य सरकार ने 7 साल में पक्का करने की एक भी नीति नहीं बनाई।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *