वित्तमंत्री आवास पर आगजनी, लूटपाट केस में सीबीआई नहीं कर सकी जांच की स्ट्टेस रिपोर्ट अदालत ने सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए दिया दस दिन का समय, सीबीआई ने पहले मांगा था एक माह का समय रोहतक अदालत में चल रहा मामला, 13 दिसंबर को आरोपियों की जमानत पर काी होगी सुनवाई

दहाड़ न्यूज़ , रोहतक प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के आवास पर जाट आरक्षण के दौरान हुई आगजनी, तोडफोड़, लूटपाट समेत सर्किट हाउस के केस की जांच कर रही सीबीआइ को अदालत की नाराजगी झेलनी पड़ी। सीबीआइ शुक्रवार को भी केसों से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई। जबकि इससे पहले की तारीख पर सीबीआइ ने स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए 30 दिन का समय मांगा था। अब फिर से सीबीआइ के अफसरों ने स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा। जिसके बाद अदालत ने 13 दिसंबर तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का समय दिया है। इसी दिन 12 आरोपियों की जमानत पर सुनवाई काी होगी। बता दें कि रोहतक अदालत से सीबीआइ अदालत में ट्रांसफर को लेकर सीबीआइ ने याचिका लगाई हुई है। दरअसल फरवरी माह में हुए जाट आरक्षण की मांग के दौरान प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के दो आवासों में आगजनीए तोडफोड़ और लूटपाट कर ली गई थी। जिसके बाद इस मामले में दो केस दर्ज हुए थे। वही उपद्रवियों ने दिल्ली बाइपास के सर्किट हाउस और आइजी आफिस को भी निशाना बनाया था। दो मुकदमे वित्तमंत्री के भतीजे की तरफ से दर्ज कराए गए थे। वहीं एक मुकदमा सर्किट हाउस और आइजी आफिस पर हमले का दर्ज हुआ था। इन तीनों मुकदमों को सरकार की सिफारिश के बाद सीबीआइ को ट्रांसफर कर दिया गया था। इससे पहले इन मुकदमों की जांच कर रही एसआइटी ने तीनों मुकदमों में 40 से अधिक आरोपियों को जेल भेज दिया था। वर्तमान में यह मामला सुधीर जीवन की अदालत में चल रहा है। सीबीआइ में जाने के बाद सीबीआइ अफसरों ने रोहतक अदालत में याचिका लगाई थी कि तीनों केसों को सीबीआइ अदालत पंचकुला ट्रांसफर किया जाए। जिसके बाद अदालत ने सीबीआइ को एक एप्लीकेशन हाईकोर्ट में लगाने के लिए कहा था। ताकि वह हाईकोर्ट की डायरेक्शन के बाद इस केस में ट्रांसफर का फैसला ले सके। वहीं अदालत ने स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी थी। शुक्रवार को सुधीर जीवन की अदालत में इस मामले में सुनवाई हुई। जिस समय सीबीआइ के डीएसपी राजबीर सिंह और अन्य अफसर फाइल लेकर पहुंचे तो वह स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं कर सके। अदालत ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि स्टेटस रिपोर्ट के लिए समय भी दियाए फिर भी रिपोर्ट को पेश नहीं किया गया। सीबीआइ ने सात दिन का और समय मांगा। जिसके बाद अदालत ने कहा कि समय तो दिया जाएगाए लेकिन इस बार स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी। जिसके बाद अदालत ने 13 दिसंबर सुनवाई का दिन रखा।
12 आरोपियों की जमानत पर आ सकता है फैसला
इस मामले में नामजद अभियुक्त जाट नेता मनोज दूहनए सुदीप कलकल, दिलावर सिंह, राजेश रूखी, महेन्द्र हुड्डा आदि है। इनके समेत 12 आरोपियों की जमानत पर 13 दिसंबर को फैसला होना है। सभी आरोपियों के वकीलों ने जमानत प्रार्थना पत्र लगाया हुआ है। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप मलिक ने बताया कि वह बचाव पक्ष के अधिवक्ता है और जमानत पर सुनवाई के दिन वह बहस करेंगे।

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