आंगनबाड़ी वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर लघु सचिवालय में किया प्रदर्शन

दहाड़ न्यूज़ , कैथल,आंगनबाड़ी हल्र्पर एवं वर्कर यूनियन की सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता राज्य महासचिव शकुंतला ने किया। संचालन जिला प्रधान कांता हजवाना ने किया। महासचिव शकुंतला ने आंबनबाड़ी वर्करों को संबोधित करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों का लगातार शोषण किया जा रहा है। बहुत सी वर्करों का पिछले छह माह से वेतन नहीं मिला और सेंटरों का किराय तक वर्कर स्वयं भर रही है। दो रूपये किराया दिया जाता है और उसके बाद कहा जाता है कि बच्चों के खेलने के लिए आंगन होना चाहिए व खुले एवं हवादार कमरे होने चाहिए। लेकिन इतने कम किराया में ऐसी जगह नहीं मिल सकती। लेकिन कर्मचारियों का मानसिक रूप से शोषण किया जा रहा है। मतगनणा का कार्य करवाया गया था, जिसका मेहनतनामा आज तक नहीं मिला है। बिना वेतन घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो चुका है। आंगनबाड़ी वर्करों के परिवार की भूखे मरने की नौबत आ चुकी है। लगतार विभाग की और नए नए आदेश आते रहते हैं। गांव में महिलाओं को खुले में शौच जाने से रोकने के लिए आंगनबाड़ी वर्करों की ड्यूटी लगाई जा रही है। कोई भी आंगनबाड़ी वर्कर इस प्रकार की कोई ड्यूटी नहीं करेगी। जिला प्रधान कांता हजवाना ने अपने संबोधन में कहा कि आंगनबाड़ी वर्करों के लिए जो बजट निर्धारित किया गया है, उसमें भी भारी कटौती की गई। जब सरकार बजट में कटौती कर सकती है तो सरकार के सुधार की किसी प्रकार उम्मीद की जा सकती है। सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए नए आदेश पारित कर रही है। लेकिन वेतन के नाम पर कुछ भी नहीं दे रही है। सरकार सभी कार्य मुफ्त में करवाना चाहती है। आंगनबाड़ी वर्कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते लघु सचिवालय के गेट पर पहुंचे और नारेबाजी रोष प्रकट किया। आंगनबाड़ी वर्करों ने तहसीलदार को ज्ञापन देने से मना कर दिया। शकुंतला ने कहा कि इसले पहले भी तहसीलदार को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन प्रशासन की और वर्करों की मांगों को लेकर कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। सीवन सीडीपीओ रेनू पसरिजा ने मौके पर पहुंच कर आंगनबाड़ी वर्करों से बातचीत की और उनकी मांगों के समाधान का भी आश्वासन दिया। नारेबाजी के दौरान पुलिस कर्मचारियों के साथ वर्करों के साथ तीखी नौंक झौंक भी हुई। जिस पर कर्मचारी नेताओं ने बीच बचाओ कर मामले का शांत करवाया। वहीं दूसरी और एसएचओ अशोक कुमार ने भी पुलिस कर्मचारी को शांत किया।

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