कैथल इंडिया की दहाड़ न्यूज़ , आशा वर्कर यूनियन की सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर शहर में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान संतोष देवी ने की व संचालन गुहला की ब्लॉक प्रधान चरणजीत कौर ने किया। जिला प्रधान ने अपने संबोधन में कहा कि आशा वर्कर जी तोड़ मेहनत करती हैं, लेकिन उन्हें उनकी मेहनत का पुरा मेहनताना नहीं मिल रहा है। आशा वर्क रों का शोषण किया जा रहा है। सरकार की ओर से वेतन बढ़ाने की घोषणा तो कर दी जाती है। लेकिन सरकार के यह फैसले जमीनी स्तर पर लागू नहीं होते। वर्कर को परेशान करने के लिए हर रोज नए नए फरमान जारी किये जाते हैं। इतने कम वेतन में वर्कर अपने परिवार का गुजारा किस प्रकार कर सकती है। कम से कम इतना वेतन तो दिया जाना चाहिए ताकि वर्कर अपने परिवार का गुजर बसर तो सही ढंग से कर सकें। आशा वर्कर कड़ी मेहनत कर अपना कार्य कर रही हैं, लेकिन वर्करों को आजतक कर्मचारी का दर्जा भी नहीं दिया गया है। वर्करों को स्टाफ का दर्जा दिया जाना चाहिए। अस्पताल में वर्करों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए। आशा वर्कर को कर्मचारी घोषित किया और कम से कम न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये दिये जाने चाहिए। गुहला ब्लॉक प्रधान चरणजीत कौर ने कहा कि जब तक सरकार आशा वर्करों की मांगों को पुरा नहीं करती तब तक धरने प्रदर्शन जारी रहेंगे। केंद्र सरकार द्वारा तीन जनवरी दो हजार चौदह को जारी किये गए पत्र के अनुसार आशा वर्कर के रेगुलर कामों के लिए हजार रुपये तुरंत दिये जाए। 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करते हुए आशा वर्करों को सामाजिक सुरक्षा लाभों सहित स्वास्थ्य बीमा एवं ईलाज की सुविधा दी जानी चाहिए। सिविल अस्पताल एवं सीएचसी व पीएचसी पर आशाओं के लिए रेस्ट रूम का प्रबंध किया जाना चाहिए। आशा वर्कर को वर्ष में दो बार डे्रस व दो जोड़ी जुते दिये जाने चाहिए। आशा वर्कर नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय में पहुंचें, जहां जिला उपायुक्त के माध्यम से सांसद राजकुमार सैनी के नाम ज्ञापन सौंपा गया।