सोनीपत इंडिया की दहाड़ , ( आदेश त्यागी ) अक्षमो को सक्षम बनाना ताकि वे अन्य को अपनी तरह सक्षम बना सके अपने अंधकारमय जीवन को प्रकाशमय कर सके। जिस प्रकार आज का लगाया हुआ पौधा आज ही फल नही देता उसी प्रकार एक ऐसी पहल जो जरूरतमन्दों तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करेगी,, की आवश्यकता महसूस की जा रही थी| ऐसी ही एक संस्था “जी-सिल” के नाम से उभरी है, जिसने शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रयास किए हैं और जिससे शिक्षा का वास्तविक अर्थ चरितार्थ होता है। इस संस्था के माध्यम से एक ऐसा वातावरण तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है जिसमे कोई भी बच्चा जो पढ़ने का इच्छुक है शिक्षा से वंचित नही रह सकेगा।
इस संस्था का ध्येय है की गुणवत्ता परक शिक्षा ही सामाजिक बदलाव का माध्यम बन सकती है और समाज से गरीबी अशिक्षा जैसी समस्याओं से मुक्ति दिला सकती है| जी-सिल का मानना है कि ऐसी शिक्षा ही ना केवल मानवविकास में सहायक होती है बल्कि राष्ट्रनिर्माण में भी योगदान देती है।अपने इन्ही उद्देश्यों की पूर्ति करने हेतु इस संस्था ने शिक्षा की पहुंच हर उस बच्चे तक पहुँचने का प्रयास किया है जो अभी तक शिक्षा से वंचित है|
इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु ‘जी-सिल’ ने केवल बच्चो को गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करेगी अपितु शिक्षकों के लिए भी समय समय पर कार्यशालाओं का आयोजन करेगी|
वे विद्यार्थी जो अन्यंत्र शिक्षा ग्रहण कर रहे है उन्हें भी फ्रेंच अंग्रेजी तथा कम्प्यूटर के पाठयक्रम पढ़ाएं जाएंगे ताकि वो रोजगार पाने के लिए योग्य हो सके। यहां तक की यहां से शिक्षा-प्राप्त युवाओं को रोजगार दिलाने कहीं समायोजित करना भी संस्था की प्राथमिकता रहेगी। स्कूली पाठयक्रम के अतिरिक्त सभी बच्चों को समूह वाली तथा अन्य खेल भी खिलाए जायगे ताकि उनका मानसिक व शारीरिक विकास हो सके। सबको शिक्षा सबका विकास ध्येय पर काम करने वाली इस संस्था की स्थापना फरवरी 2015 से हुई थी और यह अपने स्थापना दिवस से शिक्षा से वंचित बच्चो को शिक्षा दे रही है।
इतना ही नही यह संस्था ऐसे बच्चो की उच्च शिक्षा का प्रबंध करती है तथा उन्हें कौशल विकास के जरिए रोजगार भी दिलवाती है जिस प्रकार दान करने पर मनुष्य को मानसिक संतोष का अनुभव होता है इसी प्रकार इस संस्था को विद्या का दान करके अपूर्व आनंद की प्राप्ति होती है। शिक्षा सभी बच्चे का जन्मसिद्ध अधिकार है लेकिन कुछ बच्चे संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा ग्रहण नही कर पाते जी-सिल ऐसे बच्चों के लिए आशा की एक किरण बन के उभरी है यह संस्था उनके बेहतर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है