गन्ने के भुगतान में देरी पर किसानों का प्रदर्शन एक माह पहले शुरू हुई थी गन्ने की पिराई

सोनीपत इंडिया की दहाड़ , ( आदेश त्यागी )    भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने गन्ने की फसल के भुगतान में देरी पर प्रशासन व सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसानों ने प्रशासन से अविलंब फसल का भुगतान करने की मांग की। किसानों ने कहा कि एक सप्ताह में भुगतान न होने पर आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।
सोमवार को किसानों ने गांव आहुलाना स्थित चौ. देवीलाल सहकारी चीनी मिल में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के रोहतक मंडल के अध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने किया। उन्होंने कहा कि मिल में गन्ने की पिराई का सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था। एक माह बीत जाने के बाद भी मिल प्रशासन द्वारा किसानों को गन्ने की फसल का भुगतान नहीं किया गया है। नरवाल ने कहा कि सरकार के नियमों के अनुसार मिल में गन्ना डालने के बाद किसान को 14 दिन के अंदर फसल का भुगतान होना चाहिए। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी किसानों को पैसे नहीं दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के चलते पहले ही किसानों को कैश की किल्लत से परेशानी हो रही है। किसानों को गेहूं की फसल में खाद डालने के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं। गांव कथूरा के किसान सुरेश ने कहा कि अगर मिल प्रशासन समय पर फसल का भुगतान नहीं करता है तो किसानों को ब्याज सहित पैसे मिलने चाहिएं। किसानों ने कहा कि एक सप्ताह में गन्ने का भुगतान न होने पर आंदोलन छेड़ दिया जाएगा। इस मौके पर गांव मदीना से सूबे सिंह, गांव मिर्जापुर खेड़ी से संजय, गांव भंडेरी से रामपाल मौजूद रहे।
मंजीत दहिया, गन्ना प्रबंधक, आहुलाना सहकारी चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक मंजीत दहिया ने कहा कि किसानों को गन्ने की फसल का भुगतान दो-तीन दिन में कर दिया जाएगा। इसके लिए प्रोसेस पूरा हो चुका है। मिल प्रशासन का पूरा प्रशासन है कि फसल का भुगतान जल्द से जल्द हो।
लावारिस पशुओं को पकडने की मांग
किसानों ने कहा कि लावारिस पशु फसलों में नुकसान पहुंचा रहे हैं। सरकार ने फसलों का जबरन बीमा भी किया है। इसके बाद भी फसलों की सुरक्षा का प्रबंध नहीं किया जा रहा है। प्रशासन लावारिस पशुओं को पकड़वा कर गोशालाओं में छोड़वाए

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