उपायुक्त डा० प्रियंका सोनी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया

2करनाल इंडिया की दहाड़ ब्यूरो >  केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा जनहित के लिए शुरू की गई योजनाओं और परियोजनाओं को सुचारू रूप से कार्यरूप में परिणत करने के उद्धेश्य से मंगलवार को स्थानीय लघुसचिवालय के सभागार में अतिरिक्त उपायुक्त डा० प्रियंका सोनी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें एडीसी ने जिला के सभी बैंकों से कृषकों को दिए जाने वाले ऋण व भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत तिमाही प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बैठक के दौरान सभी बैंक अधिकारियों से कहा कि सरकार द्वारा जनहित में अनेक योजनाएं चलाई गई हैं लेकिन इन योजनाओं के लक्ष्य को तब तक नहीं प्राप्त किया जा सकता जब तक बैंक इन सभी योजनाओं में अपना सहयोग नहीं करेंगे।
एडीसी ने कहा कि बड़े ऋण प्राप्तकर्ता की अपेक्षा छोटे लोन लेने वाला गरीब परिवार बैंको के प्रति अधिक विश्वसनीय है और बैंक इन्हीं गरीब लोगों के लोन करने में प्राय चक्कर कटवाते हैं। बैंकों को अपनी सोच में परिवर्तन करते हुए गरीब और किसान के लोन के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। इस तरह के  लोन से ना केवल गरीब परिवार को आजीविका चलाने में मदद मिलती है बल्कि देश के निर्धारित जीडीपी लक्ष्य पाने में भी मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि कुछ बैंकर्स ग्राउंड स्तर पर ही ऋण लेने की प्रक्रिया को निरस्त कर देते हैं जो कि कतई ठीक नहीं है ऐसे बैंकर्स को आधारहीन तथ्यों से उपर उठकर सम्बन्धित लाभार्थियों को ऋण देना चाहिए ताकि वह अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर सके।
एडीसी ने बैठक के दौरान इस विषय पर जोर देते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं से सम्बन्धित लोगों को जागरूक करने के लिए ग्रामीण परिवेश में जागरूकता कैम्प लगाए जाएं ताकि सम्बन्धित क्षेत्र के लोग स्कीमों का लाभ उठा सके। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बनाए जा रहे स्वयं सहायता समूहों के बारे में भी एडीसी ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों क े ऋण करने में बैंक अधिकारी कतई विलम्ब ना करें। एडीसी ने सभी बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री फसल योजना के तहत बीमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर है इसलिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना से अवगत करवाते हुए योजना का लाभ दिया जाए। उन्होंने फसल बीमा कम्पनियों को निर्देश दिए कि वे प्राकृतिक आपदा के समय होने वाले फसली नुकसान की भरपाई के लिए सम्बन्धित कम्पनियां किसी भी प्रकार की ढिलाई ना बरतें । एडीसी ने सभी बैंकर्स को निर्देश दिए कि सभी अपने-2 बैंको के बाहरी क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं।
बैठक में उपस्थित सभी बैंक अधिकारियों ने एडीसी को विश्वास दिलाया कि विभिन्न बैंको द्वारा सरकार की नीतियों को लेकर जो जनहित की योजनाएं चलाई जा रही हैं उन्हें और बेहत्तरीन तरीके से तीव्रता प्रदान की जाएगी। कम समय में लाभार्थियों को अधिक लाभ मिले इस प्रकार की व्यवस्था स्थापित करके बैंकों द्वारा सरकार की सभी योजनाओं को सफल बनाया जाएगा। बैठक में उपस्थित  नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक, सुशील कुमार ने बताया कि पीएलपी के अनुसार जिले के लिए वर्ष 2017-18 के लिए पिछले वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत वृद्धि के साथ रूपये 11554 करोड़ के ऋण देने की योजना बनायी गयी है । इस योजना के तहत बैंकों के लिए अगले वर्ष फसली ऋण के लिए 4001 करोड़, निवेश ऋण 1196 करोड़, कृषि आधारभूत सुविधाओं तथा अन्य गतिविधियों के लिए 671 करोड़, सूक्ष्म, लघु व माध्यम उद्योगों के लिए 5000 करोड़ तथा अन्य प्राथमिक क्षेत्रों के लिए 712 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में निवेश ऋण पर विशेष रूप से कृषि यंत्रीकरण, पोलिहाउस, पशुपालन, भंडारण सरंचना पर जोर दिया, जो कि समय की जरुरत है क्योकि कृषि क्षेत्र में अधिक पूंजी निर्माण होने पर ही 4 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की जा सकती । भारतीय रिजर्व बैंक के एलडीओ प्रकाश चंद ने रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी दी तथा सभी बैंकों से इनका पालन करने का आवाहन किया । इस बैठक में सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत बैकों द्वारा दिए गए ऋण, प्रधानमंत्री जनधन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड-अप, आदि की समीक्षा की ।  इस मौके पर एडीसी वर्ष- 2017-18 में किसानो को सरकार द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न ऋणों से सम्बन्धित बुकलेट का भी विमोचन किया। इस मौके पर एलडीएम राजेन्द्र मल्होत्रा सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि व विभिन्न विभागों के अधिकारी  उपस्थित थे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *