उपायुक्त ने टीवी से संदिग्ध रोगियों को जांच करवाने के लिए प्रेरित करने का किया आह्वान

उपायुक्त सुशील सारवान ने वीरवार को जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक लेते हुए जिले के सभी नागरिकों से टीबी से संदिग्ध रोगियों को अपनी जांच करवाने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह एक ईलाजयुक्त बिमारी है, जिसका ईलाज सम्भव है। सभी को टीबी के विरूद्ध संकल्प लेकर खड़ा होना होगा तभी यह बिमारी दूर की जा सकती है। उपायुक्त ने आगे कहा कि कहा कि केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2025 तक टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस जैसी खतरनाक बीमारी को खत्म करने का संकल्प लिया गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी हारेगा-देश जीतेगा का नारा भी दिया है। इसी संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीरता व योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। टीबी रोग को जड़मूल से खत्म करने के लिए सामूहिक संकल्प के साथ धरातल स्तर पर काम करना होगा।
उपायुक्त सुशील सारवान ने कहा कि निक्षय पोषण योजना के तहत अब तक 2 हजार 753 चिन्हित लोगों को 63 लाख 51 हजार रूपये राशि वितरित की जा चुकी है। टीबी के मरीजों के लिए पोषण आहार योजना के माध्यम से उपचार के दौरान पीड़ितों की 500 रुपए प्रतिमाह आर्थिक मदद दी जाती है। विभाग यह राशि मरीज के बैंक अकाउंट में जमा करता है। मरीज को विभाग तक ले जाने पर गांव में आशा वर्कर, आरएमपी डॉक्टर, निजी अस्पताल व अन्य कोई भी व्यक्ति अगर टीबी मरीज को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पास लेकर आता है और टेस्ट करने पर मरीज टीबी से पीड़ित पाया जाता हैं तो उसे भी प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रुपए दिए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि जिला में विभिन्न जांच केंद्रों पर टीबी रोगियों की निशुल्क जांच व उपचार किया जाता है। टीबी मरीज का 6 माह का कोर्स होता है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी जांच केंद्रों पर रोगियों की जांच निशुल्क की जाती है। जांच केंद्रों पर रोगी के बलगम के सैंपल की जांच करवाई जाती हैं और जांच में यदि टीबी पाई जाती है तो अगले दो दिनों मे उसका ईलाज शुरू कर दिया जाता है।

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