कृषि पैदावार को बनाए रखने के लिए किसानों द्वारा लगातार भू-जल का दोहन अंधाधुंध तरीके से करने के कारण स्थिति भयावह बनी हुई है, वहीं सरकार द्वारा भविष्य की चिंता को देखते हुए लगातार इसके संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है। इसी के तहत सरकार द्वारा वर्ष 2022 के लिए जल शक्ति अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत गांव-गांव में कैंप लगाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि जहां भी और जब भी बारिश हो तो उस पानी को व्यर्थ न बहनें दें, बल्कि उसका उचित संरक्षण करें ताकि उस पानी को बाद में खेतों के काम में लाया जा सके। भू-जल के लगातार दोहन से गहराते संकट के कारण अब बारिश के पानी का संरक्षण ही एकमात्र विकल्प है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बताया कि इसी के तहत उपायुक्त सुशील सारवान के मार्गदर्शन में कृषि विभाग द्वारा जिले भर में जागरूकता कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। जल शक्ति अभियान-2022 के तहत किसानों को बारिश के पानी का ंसरक्षण करने के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि भू-जल का स्तर ऊंचा हो सके और किसानों को खेती के लिए उचित मात्रा में आवश्यकता अनुसार पानी भी उपलब्ध होता रहे।
उन्होंने बताया कि जल शक्ति अभियान-2022 के तहत अब तक जिले में 140 कैंप लगाए जा चुके हैं जिनमें 1890 किसानों ने भागीदारी की है। उन्होंने बताया कि आगामी पखवाड़े में बारिश का दौर शुरू होने वाला है इसलिए समय रहते किसानों को बारिश के जल को संरक्षित करने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसमें जहां किसानों को खेत में ही खाली स्थान पर अथवा मेढ़ बनाकर बारिश के पानी को संरक्षित कर सकते हैं, वही छत के पानी को रोकने के लिए गड्ढे बनाकर भी जल संरक्षण किया जा सकता है।