हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने रविवार को पानीपत के लोकनिर्माण विभाग के विश्रामगृह में हरियाणा प्रदेश की सहकारिता क्षेत्र की सभी 10 मिलों के प्रबंध निदेशकों, चीफ इंजनियर और सम्बन्धित अधिकारियों की प्रदेश स्तरीय बैठक को सम्बोधित किया। हरियाणा शुगर फैडरेशन के एमडी कैप्टन शक्ति सिंह ने इस बैठक का एजैण्डा प्रस्तुत किया। पानीपत शुगर मिल के एमडी प्रदीप अहलावत ने सभी का स्वागत व आभार व्यक्त किया।
सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा कि गन्ना किसानों की सबसे अधिक लाभकारी फसल है। सभी किसानों के गन्ने की पिराई समय पर हो और समय पर गन्ने का भुगतान भी हो। इसके लिए सभी शुगर मिलों को प्रयास करने चाहिए और किसानों को भी अपने खेतों में उच्चकोटि की उन्नत किस्म का गन्ना लगाना चाहिए तथा साफ-सुथरा ताजा गन्ना शुगर मिलों में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों व किसानों के सहयोग से शुगर मिलों को लाभकारी मिलों का दर्जा दिलवाने के सभी प्रयास करेंगे और यह तभी सम्भव है, जब शुगर मिलों का सारा कार्य पूरी पारदर्शिता सुशासन और ऑन लाईन सिस्टम के साथ किया जाएगा। उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रदेश की सभी 10 शुगर मिलें शाहबाद शुगर मिल से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगी। बैठक में सभी प्रबन्ध निदेशकों ने एक सुर में मांग की कि यदि शुगर मिलों में लागत घटाई जाए तथा सभी शुगर मिलों को आधुनिक बना दिया जाए तो इस व्यवसाय को लाभकारी व्यवसाय बनाया जा सकता है। इस पर सहकारिता मंत्री ने कहा कि यदि वे शुगर मिलों का विस्तार चाहते हैं तो उन्हें गन्न को रकबा भी बढ़वाना होगा। उन्होंने कहा कि पानीपत के गांव डाहर में लगने वाली शुगर मिल में अत्याधुनिक तकनीक को अपनाया जाएगा और यह हरियाणा की एक आदर्श शुगर मिल होगी। उन्होंने कहा कि पानीपत में नई चीनी मिल के स्थापित होने सेे यहां के किसान गन्ने की ओर ज्यादा पैदावार कर सकेंगे, क्योंकि उनको गन्ना बेचने में कोई भी समस्या नहीं होगी। प्रदेश सरकार द्वारा पूरे देश में गन्ने का भाव सबसे ज्यादा हरियाणा में ही दिया जा रहा है। सरकार ने वर्तमान में रोजगार के अनेक अवसर पैदा किए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी मिलें नवम्बर माह के दूसरे या तीसरे सप्ताह में शुरू की जाएंगी। इनमें गन्ना पिराई के साथ-साथ एथलोन बनाने पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया जाएगा। यही नहीं सभी शुगर मिलों से सम्बंधित आगामी पिराई सत्र के लिए समय पर चालु करवाने के साथ इनमें गन्ने की पिराई उपयोगिता अधिक से अधिक तथा गन्ने की रिकवरी की प्रतिशत और अधिक ले जाने पर जोर दिया जाए। सीजन से पूर्व ही उच्चकोटि की कम्पनियों से ही शुगर मिलों की रिपेयरिंग का कार्य पूरा करवा लिया जाएगा। इसके लिए अगली बैठक 15 दिन बाद आयोजित की जाएगी।
सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि अब समय बदल गया है। इस क्षेत्र में भी नई-नई तकनीक अपनाकर वे हो रहे नुक्सान प्रतिशत को घटाकर कम से कम पर लाने का हर भरसक प्रयास करें। इसके अलावा शुगर मिल से जो खोई निकलती है। उसे सीजन के दौरान ही अधिक से अधिक बेचने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि एथनोल का रेट चीनी से ज्यादा है इसलिए जहां भी एथनोल बनाया जाता है वह मिल यह सुनिश्चित करे कि उसका उत्पादन ज्यादा से ज्यादा हो। उन्होंने सभी प्रबंध निदेशकों से कहा कि अगले पिराई सीजन के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दें और पिछली बार का ऑडिट करवाकर उसकी रिपोर्ट भेजे।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि जब भी ब्रेकडाउन होता है तो इसके लिए जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए और सम्बंधित अधिकारी से इसका जवाब मांगा जाए। । उन्होंने कहा कि भविष्य में सभी लैब इंचार्ज सीधे प्रबंध निदेशक को रिपोर्ट देंगे। सभी मिलों के एमडी व चीफ कैमिस्ट और वरिष्ठ अधिकारी आपस में एक टीम के रूप में मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि शुगर मिलों की जितनी भी जमीन सरप्लस है उसका पूरा विवरण तैयार करवाएं क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के चलते यहां शुगर मिलों में इनसे सम्बंधित कार्यों को बढ़ाने की सम्भावनाएं ज्यादा से ज्यादा है।
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