कोरोना काल में रवि ने कबाड़ से जुगाड़ कर बनाए ट्रैक्टर-जेसीबी

बहादुरगढ़ कोरोना काल में शिक्षण संस्थान से लेकर बहुत कुछ बंद हो गया था। आपदा के समय को किसी ने मन मसोस कर निकाला तो किसी ने उसे अवसर में बदल दिया। गांव बराही निवासी रवि पुत्र दयानंद ने अपने भीतर छिपे टैलेंट (Tallent) को बाहर निकाला। रवि ने कबाड़ से जुगाड़ कर ट्रैक्टर, जेसीबी सहित कई अन्य मशीनरियों के मॉडल बना डाले। रिमोट कंट्रोल से चलने वाले ये नमूने बिल्कुल असली मशीनरी की तरह काम करते हैं। रवि की इस प्रतिभा से न केवल उसका परिवार बल्कि उसके अध्यापक व गांव बराही के लोग भी बहुत प्रभावित हैं। बराही गांव निवासी 16 वर्षीय रवि त्रिवेणी स्कूल में दसवीं कक्षा का छात्र है।

कोरोना काल में जब स्कूल बंद हुए तो उसने ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी। शेष जो समय बचा उसे खेलने में गंवाने के बजाय उसने कुछ नया करने की ठानी। रवि के ताऊ भोला व ताऊ के लड़के भाई धीरज की बिजली की दुकान है। रवि ने कुछ पार्ट्स यहां से लिए तो कुछ कबाड़ से लेकर उसने वाहनों के मॉडल बनाने शुरू कर दिए। अब वह ट्रैक्टर, जेसीबी आदि वाहनों के मॉडल के अलावा कल्टीवेटर, हैरो के मॉडल भी बना चुका है। बिना किसी से सीखे खुद की प्रतिभा के बूते ही रवि ने ये मॉडल बना डाले।

बचपन से ही ट्रैक्टर-जेसीबी आदि वाहनों को खेतों में काम करते देख रवि में उनके प्रति उत्सुकता थी। कई दिनों की मेहनत से उसने ये मॉडल तैयार किए। परिजनों ने भी उसका सहयोग किया। रवि का लक्ष्य बड़ा होकर इंजीनियर बनना है। उसके दादा होशियार सिंह, दादी ब्रहमो, पिता दयानंद, मां सुमन, ताऊ भोला, भाई धीरज, दीपक, प्रवीण, नीरज, बहन नेहा, विजयपाल, मुख्तयार सिंह, जगदीश पहलवान, मिस्त्री रोहताश, सुरेश, रामबीर, सुनील, बल्लू व अशोक आदि ने उसके प्रयास को सराहते हुए उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद दिया।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *