स्वामी विवेकानंद जयंती पर ऑनलाइन विस्तार व्याख्यान का हुआ आयोजन

आर्य महाविद्यालय के इतिहास विभाग, स्वामी विवेकानंद इकाई व एन.एस.एस इकाई के संयुक्त तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद जी की 150 वीं जयंती के उपलक्ष में ‘राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका’ विषय पर युवा दिवस के अवसर पर ऑनलाइन विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया।

विस्तार व्याख्यान में कॉलेज के लगभग 200 विद्यार्थियों ने ऑनलाइन भाग लिया। विस्तार व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता ए.आर.एस.डी कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी से एसोसिएट प्रो.अजीत कुमार ऑनलाइन माध्यम से जुड़े । प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने विस्तार व्याख्यान के सफल आयोजन के लिए इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ.विजय सिंह, एन.एस.एस प्रभारी प्रो.विवेक गुप्ता, डॉ. मनीषा डुडेजा सहित अन्य स्टाफ सदस्यों को बधाई दी व मुख्य वक्ता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज के समय में युवा पीढ़ी को स्वामी विवेकानंद जी के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। स्वामी विवेकानंद जी ने जो स्वर्णिम भारत के सपने देखे हमें मिलकर उन्हें साकार करना होगा।

मुख्य वक्ता एसोसिएट प्रो.अजीत कुमार ने कहा कि  स्वामी विवेकानंद जयंती को हम युवा दिवस के रूप में मनाते हैं। स्वामी विवेकानंद ने भारत में 19वीं सदी में सभी में राष्ट्र भावना व सांस्कृतिक मूल्यों को पैदा किया। स्वामी विवेकानंद जी ने आह्वान किया था की भारत में गरीबी दुर्दशा को चैलेंज के रूप में स्वीकार कर इसका समाधान भी करना होगा। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हमें महापुरुषों के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए व नैतिक मूल्यों को स्वीकार कर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

डॉ.विजय सिंह ने बताया कि हमें समय-समय पर महापुरुषों की जयंती अवसर इस तरह के व्याख्यान करते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद कहते थे कि युवा अधिक से अधिक संख्या में सामाजिक गतिविधियों में शामिल हों, जिससे न केवल समाज बेहतर बनेगा, बल्कि इससे व्यक्तिगत विकास भी होगा। उन्होंने सामाजिक सेवा के साथ आध्यात्मिकता को भी जोड़ा और मनुष्य में मौजूद ईश्वर की सेवा करने की बात कही। उनके अनुसार समाज सेवा से चित्तशुद्धि भी होती है इस तरह के व्याख्यानों से विद्यार्थियों में नई ऊर्जा का संचार होता है व सीख मिलती है।

 

 

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