कोरोना महामारी: देशवासियों के लिए परीक्षा की घड़ी।

पानीपत(अमित जैन)

किसी भी परिवार समाज देश का अस्तित्व मानव से ही है यदि मानव ही नहीं होगा तो देश का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा। आज हम बात करते हैं देश भक्ति की देश भक्ति क्या है इसे हमें समझना होगा तभी हम यह कर पाएंगे। कहने को तो हम सभी अपने देश से बहुत प्यार करते है।और हर कोई अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजर सकता है।

यदि देश भक्ति सच्ची हो और कुछ भी कर गुजरने का जुनून हो तो सब किया जा सकता है। क्योंकि इंसान के जुनून और धैर्य से बड़ी ताकत दुनिया में नहीं है।

इस वक्त हमारा देश उस मोड़ पर खड़ा है जहाँ हमारे जुनून से ज्यादा धैर्य की जरूरत है। जब हमारे किसी अपने पर कोई तकलीफ आती है तो हम एकदम उसके मदद के लिए दौड़ पड़ते हैं।

वर्तमान समय में भी कुछ एक बड़ी समस्या कोरोनावायरस जैसी महामारी की तकलीफ किसी अकेले के लिए नहीं अपितु संपूर्ण मानव जाति के साथ-साथ प्रत्येक वन्य अन्य प्राणियों के लिए आ गई है जिसको केवल धैर्य के साथ ही जीता जा सकता है।

मानव में बुद्धि है विवेक भी है फिर भी ना जाने वह इस समस्या को पूरी तरह से समझ क्यों नहीं पा रहा।विश्वव में अन्य देशों की जीते जागते उदाहरण इसी महामारी से जूझ रहे देशों के हम सभी के सामने हैं। जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आप सभी से हाथ जोड़कर अपील कर चुके हैं कि आप स्वयं बचें और अपनों को बचाइए लेकिन हम फिर भी मानने को तैयार ही नहीं है।

अब वह समय आ गया जब देश ने हमें दिया सब कुछ और हमने देश को क्या दिया? तो इसके लिए हम सभी ज्यादा कुछ नहीं केवल जो 21 दिन का लॉक डाऊन यानी अपने को एकदम रोकना होगा।

क्योंकि मानव द्वारा निर्मित सुविधाएं तो रुक गई हैं। लेकिन मानव फिर भी रुकने का नाम नहीं ले रहा हमारा देश और हमारे प्रधानमंत्री हमसे कुछ ज्यादा तो नहीं मांग रहे केवल 21 दिन ही तो मांगे हैं और जिसमें 15 दिन ही बचे हैं। क्या हम अपनों के लिए और अपने भारत देश के लिए इतना भी नहीं कर सकते।

अब भी समय है जाग जाओ नहीं तो समय से आगे निकलने की होड़ में यह समय ही शायद ना निकल जाए। जब हम सभी अपनों से प्यार करते हैं तो हमें अपने देश से प्यार क्यों नहीं होना चाहिए।

भारत के नाम की  विश्व में एक अलग पहचान है। जहां अनेक विभिन्नता,संप्रदायों के होते हुए भी अनेकता में एकता है तो आज दोबारा से संपूर्ण विश्व को यह जंग जीत कर दिखाने का टाइम है। जिसको सभी भारतीयों के धैर्य के साथ ही जीता जा सकता है जिसके लिए हम सभी को मिलकर एक होना होगा।

जय हिंद

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