कृषि-उपज-सरकारी-कटौती

कृषि उपज सरकारी कटौती ऐलान से बिफरे किसानों ने किया बहिष्कार

मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा रबी फसल की खरीदी दौरान किसानों की फसल का 5 किलो प्रति क्विंटल अनुदान प्रस्ताव का प्रदेश में किसान संगठनों ने आंखें लाल कर किया जबरदस्त बहिष्कार.

भारतीय किसान यूनियन, अखिल हरियाणा न्यूनतम समर्थन मूल्य संघर्ष समिति, भूमि बचाओ संघर्ष समिति, किसान सभा इत्यादि प्रतिनिधियों ने एकस्वर में प्रदेश के किसानों के नाम करोना महामारी संकट दौरान विशेष पैकेज की बजाए कटौती के मंडियों में बहिष्कार के लिए सहयोग का आह्वान किया है.

स्वामीनाथन आयोग द्वारा प्रस्तावित न्यूनतम लागत मूल्य से नीचे खरीद के अनुमानित प्रदेश के किसानों को लगभग 2500 करोड रुपए घाटे की मार झेलनी पड़ेगी. PMkissan राहत के नाम पर हरियाणा के 15लाख,18 हजार किसानों को ₹2000 किस्त की अनुमानित कुल राशि 303 करोड जारी होने के साथ 1005 करोड़ फसल कटौती का आर्थिक नुकसान संभावित है.

सरसों खरीद पर तुगलकी शर्तें प्रति एकड़ खरीद मात्रा, तीन चरणों में खरीद, लोकडाउन के चलते रजिस्ट्रेशन अनिवार्यता का भद्दा मजाक, किसान के खातों में अदायगी की जगह बिचौलियों के खाते में अदायगी, प्राइवेट खरीद में MSP से नीचे फसल खरीद लूट की छूट,19.45 रुपए गेहूं को खरीदकर PDS में 23.50 कमीशन खोरी आदि अनियमितताओं का किसानों ने निंदनीय करार दिया है.

`काश्तकार किसानों एवं आश्रित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं होना किसान विरोधी है. वायरल वीडियो में किसानों के नाम जनसंदेश में किसान नेताओं ने देहाती क्षेत्र के गौशाला, धर्मशाला अनाथालय, ग्रामीणस्तर पर कमजोर परिवारों की मदद, पलायन श्रमिकों के लिए सांझी रसोई आदि में किसानों के ऐतिहासिक योगदान में बढ़-चढ़कर परोक्षरूप से परंपरागत योगदान के लिए प्रेरित किया गया.

धार्मिक स्थलों पर ट्रस्ट के नाम पर धनभंडार, राजनीतिक पार्टियों के सुरक्षित धनभंडार एवं सरकार सहयोगी कॉरपोरेट पर महामारी फंड में योगदान की अपील नहीं कर मुख्यमंत्री एवं प्रधानसेवक अंतिम विकल्प के रूप में किसान को मदद की बजाए भाजपा शोषण पर उतर आई हैं.

किसान नेता प्रदीपधनखड़-” ओलावृष्टि, बरसात से फसल बर्बादी पर मुख्यमंत्री ने क्या पहल की थी?यो तमने देखा- क्या खट्टर ने खेतों में लामणी कराई है- कहीं यो एक मुट्ठी चून ना मांगने लगे”

जिलाध्यक्ष BKU चौo प्रताप छिल्लर-” मदद देना तो दूर, यहां तो किसानों को लेने के देने पड़ गए”

किसाननेता शमशेर सिंह ने मुख्यमंत्री के नाम अपील कर गेहूं कटाई के लिए श्रमिकों को मनरेगा के तहत मेडिकल सुरक्षा कवर सहित रजिस्ट्रेशन कर राहत राशि जारी की जाए. जबकि किसानों को वायदे के अनुरूप समर्थन मूल्य के साथ 500 Rs बोनस पर बिना रजिस्ट्रेशन संपूर्णखरीद लक्ष्य के साथ ग्रामीणस्तर पर फसल खरीदी के इंतजाम हो.

महामारी से लड़ने के लिए सबसे आवश्यक घटक खाद्यान्न सुरक्षा फसल पर सरकार को व्यापारी सोच से ऊपर उठकर देश को भुखमरी से बचाने के लिए किसानों को उनके हकों में कटौती नहीं करनी चाहिए सरकार द्वारा किसानों के बहिष्कार पर तुरंत कटौती के फैसले को वापस नहीं लेने की सूरत में प्रदेश के सभी किसान संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधियों से अगली रणनीति के लिए ऑनलाइन संपर्क किसानों ने तेज कर दिए हैं. कृष्ण कुमार- “विभाजन के समय कृषि श्रमिक के तौर पर आजीविका कमा चुके मुख्यमंत्री संकट के समय साथ ही किसान को कैसे भूले”.महामारी प्रभाव से 330 रुपए क्विंटल गन्ना मात्र ₹170 क्विंटल खरीद पर सरकार संज्ञान ले.

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