Guest teachers submitted memorandum to CM regarding their demands

अपनी मांगों को लेकर अतिथि अध्यापकों ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

भिवानी, (Jitender): राज्य कार्यकारिणी के आहवान पर हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के अतिथि अध्यापकों ने रेशनेलाईजेशन नीति के विरोध में और अतिथि अध्यापकों को समान काम समान वेतन और 1983 पीटीआई को नौकरी से न हटाने के विरोध में जिला प्रधान विजय सिंह संभ्रवाल व महिला जिला प्रधान संगीता देवी की अध्यक्षता में प्रदर्शन कर जिला जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह श्योराण के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

जिला प्रधान विजय सिंह संभ्रवाल व महिला जिला प्रधान संगीता देवी ने संयुक्त रूप से कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल हर रोज प्राईवेट को भी दिशा निर्देश दे रहे हैं कि किसी भी कर्मचारी को लोकडाऊन के दौरान नौकरी से नहीं हटाया जाएगा वहीं दूसरी ओर हरियाणा सरकार हर रोज नए- नए कर्मचारी विरोधी फरमान जारी कर रही है।

प्रदेश संयुक्त सचिव शमशेर सिंह ने कहा कि 2017 में हरियाणा सरकार ने नवनियुक्त जेबीटी शिक्षकों को ज्वायन कराने के लिए कक्षा 1 से 5 का शिक्षक छात्र अनुपात 1.25 लागू किया था लेकिन अब एक बार फिर हरियाणा सरकार ने यू-टर्न लेते हुए अब जेबीटी का 25 की बजाय 30 और टीजीटी का 40 का रेशो लागू कर दिया जोकि तर्कसंगत नहीं है क्योंकि ऐसा करने से लगभग शिक्षा विभाग से 8000 से भी ज्यादा पोस्ट सरप्लस हो जाऐगी जिसके कारण गेस्ट टीचरों का रोजगार चला जाएगा।

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हरियाणा सरकार ने अतिथि अध्यापकों के लिए 58 वर्ष के कार्यकाल तक का 2019 में सेवा सुरक्षा का एक्ट बनाया था और एक्ट में एक नियमित अध्यापकों की तरह सभी कार्य अतिथि अध्यापकों को करने है तो दूसरी ओर बगैर किसी सुविधा के पिछले 15 वर्षों से एक नियमित अध्यापक के समान काम करने के बावजूद अतिथि अध्यापकों को एक नियमित अध्यापक का एक तिहाई वेतन देकर सरकार शोषण कर रही है।

जब भी चाहें कोई भर्ती हो, प्रमोशन हो, ट्रांसफर हो हर बार अतिथि अध्यापकों को बलि का बकरा बनाया जाता है जिसका संघ पुरजोर विरोध करता है। उपस्थित सभी अध्यापकों ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार से मांग करते हुए कहा कि जेबीटी शिक्षकों का रेशो 25 किया जाए, टीजीटी का रेशो एक सैकसन 35 का और दूसरा सैकसन 36 पर किया जाए, जिस विद्यालय में अंग्रेजी टीजीटी का शिक्षक उपलब्ध नहीं है वहां पर दूसरी पोस्ट एसएस अध्यापक की मानी जाए, मौलिक मुख्याध्यापक का पद बिना वर्कलोड के लागू किया जाए, प्राइमरी स्कूलों में 125 से अधिक छात्र संख्या पर एचटी का पद बिना वर्कलोड के लागू किया जाए, अतिथि अध्यापकों को मैडिकल सुविधा के साथ साथ चिल्ड्रेन अलाउंस दिया जाए,58 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर रिटायरमेंट के समय कम से कम एकमुश्त राशि कम से कम 10 लाख दिया जाए , अतिथि अध्यापक सर्विस रूल एक्ट 2019 के अनुसार वर्ष में दो बार बढऩे वाले पारिश्रमिक के स्पष्ट निर्देशानुसार पत्र जारी किया जाए ताकि हर बार अलग से पत्र की आवश्यकता न पड़े, अन्य जिलों में कार्यरत अतिथि अध्यापकों को गृह जिला में समायोजित किया जाए,1983 पीटीआई अध्यापकों को उनकी सेवाओं को देखते हुए उनको रोजगार में बना रहने दिया जाए अगर सरकार ने यदि मांगों को नहीं माना तो राज्य स्तरीय आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर सुनील ढाका, नरेश कुमार, संजय कुमार, उमेद डूडी, संगीता, सुमन, योगेंद्र आदि मौजूद थे।

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