शिक्षा प्रेरक संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

हरियाणा कौशल रोजगार निगम में सभी प्रेरकों को दिया जाए रोजगार: विनोद मांढी
शिक्षा प्रेरकों को सरकार ने दिखाया था घर का रास्ता, सरकार ले सुध
शिक्षा प्रेरक संघ हरियाणा के पदाधिकारियों ने जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर कौशल रोजगार निगम में रखने की मांग की है।
प्रदेशाध्यक्ष मास्टर विनोद मांढी ने कहा कि हरियाणा  सरकार ने कौशल रोजगार निगम के तहत कच्चे कर्मचारी रखने का फैसला लिया है जो कि एक सराहनीय कदम है ।
इसमें अनुभव प्रमाण पत्र वालें को प्रथामिकता दी गई है जिससे कार्य प्रणाली में सुधार होगा।
इससे पहले शिक्षा प्रेरक संघ हरियाणा ने यहां नेहरू पार्क में बैठक का आयोजन सुरेश शर्मा हड़ोदा जिला प्रधान चरखी दादरी की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में आगे की रणनीति भी तैयार की गई।
मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में जंगबीर, भागवत कौशिक, विजेंद्र, रणधीर, सुरेश शर्मा, सुनीता ने संयुक्त रूप से कहा कि हरियाणा में अगस्त 2012 से जून 2017 तक अनुबंध आधार पर प्रौढ़ शिक्षा और स्वच्छता अभियान में 5100 प्रेरकों ने कार्य किया है।
सभी शिक्षित और अनुभवी लोग हैं। मूलरुप से प्रौढ़ शिक्षा हेतु नियुक्त किए गए शिक्षा प्रेरकों से प्रौढ़ शिक्षा के अलावा स्वच्छ भारत अभियान, जनधन योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, मतदाता जागरूकता अभियान आदि अनेक योजनाओं में काम लिया। इसमें 60 प्रतिशत महिलाएं शामिल होने पर भी सरकार द्वारा एक नोटिस से रोजगार छीन लेना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान सही नहीं लग रहा।
 सरकार न तो इनका पांच वर्ष का अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर रही है और न ही कौशल रोजगार में कोई विकल्प दिया है। शिक्षा प्रेरक संघ हरियाणा सरकार से बार बार  रोजगार की गुहार कर चुका है । प्रदेश सरकार रोजगार के मामले कौरा दिखावा कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते  शिक्षा की अलक जगाने वाले शिक्षित युवा 4 वर्ष से अपने रोजगार की बहाली हेतु धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ,वही दूसरी तरफ सरकार हर शिक्षित को रोजगार देने की बात करती है ।
शिक्षा प्रेरकों की वजह से प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ा है । शिक्षा प्रेरकों ने प्रौढ़ों को साक्षर करने का कार्य तो किया है इसके अलावा 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के अभिवावको को जागरूक करके स्कूल तक पहुंचाने में मदद की है। इन्हीं शिक्षा प्रेरको की वजह से प्रदेश स्वछता के मामले में देश मे प्रथम पुरस्कार विजेता बना था। सरकार व अधिकारियों ने शिक्षा प्रेरकों को प्रशंसा पत्र तो दिए परन्तु 6 जून 2017 को एक नोटिस के माध्यम से सभी 5100 शिक्षा प्रेरकों का रोजगार छीन लिया।
शिक्षा प्रेरको के अनुभव और कार्य को देखते हुए कौशल रोजगार निगम में सभी को रोजगार देकर सरकार इनके साथ न्याय करने का कार्य करें । अगर सरकार शिक्षा प्रेरको को कौशल रोजगार में रखकर रोजगार नही देती है तो शिक्षा प्रेरक संघ समाज के हर वर्ग  का साथ लेकर जिला स्तर पर 20 जनवरी के बाद धरने जारी करेगा।

इस अवसर पर खंड प्रधान सुरेश शर्मा हडौदा, विजेंद्र बवानीखेड़ा, रणधीर किरावड़, तोशाम खंड प्रधान योगेश, जंगबीर कैरु खंड, सुरेश बहल , सतीस दादरी, मुकेश बाढड़ा , सुमन ढाबढाणी, अर्चना सांगवान, विजेंद्र द्वारका, जोगेंद्र डाडमा, रामावतार माई, सुरेश, शमशेर माण्ढी, सुखबीर, दिनेश, पविता, सुमन बाला, महेंद्र जेवली, विनोद मान, सुशीला, मनीष, खजान, विकास, प्रेम कुमार, रीना, सत्यवान सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।

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